कर्नाटक
कर्नाटक के आर्टिकल्स
विविध रंग कर्नाटक के
भारत के बागों का शहर (गार्डेन
सिटी) के नाम से मशहूर बेंगलूर देश की सूचना तकनीकी राजधानी भी है। यह
परंपरागत द्रविड व आधुनिक वास्तुकला के बेजोड मेल का उत्कृष्ट नमूना है।
बेंगलूर से 150 किमी दूर मैसूर भव्य महलों, विशाल क्षेत्र में... आगे पढ़े
अतीत का गौरव बीजापुर
कर्नाटक के उत्तर पश्चिम क्षेत्र
में बेलगांव के पास आदिलशाही राजवंश की राजधानी है। इसे बीजापुर के नाम से
जानते हैं। इस छोटे से शहर में घुसते ही लगता है कि प्राचीन वास्तु के
संग्रहालय में आ गए हैं। ईरानी शैली की इमारतें यहां... आगे पढ़े
अतीत के रंग में रंगा श्रीरंगपट्टन
मैसूर से करीब 16 किमी दूर
कावेरी नदी में बने अंडाकार द्वीप पर बसा है श्रीरंगपट्टन। इस छोटे से शहर
का इतिहास काफी पुराना है, लेकिन जिस कारण यह शहर मशहूर है उसका प्राचीन
इतिहास से कुछ लेना-देना नहीं है। शहर का महत्व भारतीय स्वतंत्रता... आगे पढ़े
जंगल में मंगल मनाना हो तो आएं
बांदीपुर नेशनल पार्क
अगर सैर-सपाटे पर जाना हो और मौज-मस्ती के साथ प्रकृति और विभिन्न
जीव-जंतुओं के बार में सही जानकारी भी जुटानी हो, या कहें जंगल में मंगल
मनाने का मन हो तो दक्षिण भारत के कर्नाटक राज्य में स्थित बांदीपुर
नेशनल... आगे पढ़े
कर्नाटक में छाए हैं उडुपि रेस्तरां
जिस तरह मुंबई बड़ा महानगर होने
के बावजूद मराठी व और गुजराती संस्कृति का मिलाजुला भाव प्रस्तुत करता है
वैसे ही बंगलौर की भोजन परंपरा पर तमिल, मलयाली और आंध्र प्रदेश का
मिलाजुला प्रभाव है। आम उत्तर भारतीय को यह संस्कृति सिर्फ... आगे पढ़े
विरासत को सहेजने का नाम है बंगलौर
नए दौर में आधुनिक तकनीकी शिक्षा
और सूचना प्रौद्योगिकी के केंद्र के रूप में उभरता बंगलौर आजादी के बाद से
ही शिक्षा का बड़ा केंद्र रहा है। मीडिया, प्रबंधन, विज्ञान व
प्रौद्योगिकी के बड़े संस्थानों के अलावा कला और संगीत के कई... आगे पढ़े
नृत्य के धाम में
भारत की शास्त्रीय नृत्य परंपरा
में कुचीपुड़ी का अपना अलग महत्व रहा है। इसकी प्रस्तुति वस्तुत: नृत्य
नाटिका के रूप में की जाती है, जिसकी कथा तेलुगु भाषा में कही जाती है।
धार्मिक आस्था से जुड़ा यह नृत्य पहले आंध्र प्रदेश के मंदिरों... आगे पढ़े
सुकून व सुगंध का शहर है मैसूर
रोजाना सुबह-सबेरे हलकी मंद समीर
में दो किलामीटर का भ्रमण करने के बाद मीनाक्षी ऑफिस के लिए तैयार होने
में जुट जाती है। ऑफिस के रास्ते में गली के नुक्कड़ से वह सफेद, नारंगी,
चमेली, मोगरा और कणकम्बरम के फूलों से बना गजरा लेकर केशों... आगे पढ़े
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